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Showing posts from September, 2020

मुझे जमाना बुरा कह.....

मुझे जमाना बुरा कह रहा है, कहने दो  गरज है तुम से, जमाने की तुमने खूब कही.

न पूछ कैसे गुजारी.....

न पूछ कैसे गुजारी है जिन्दगी, ऐ दोस्त बहुत तलवी कहानी है, फिर कभी, ऐ दोस्त.

अफसोस! दिल का....

अफसोस! दिल का हाल कोई पूछता नहीं. ये कह रहे हैं सब कि तेरी सूरत बदल गई. 

आज आंसू....

आज आंसू तुम ने पोछे भी तो क्या ये तो अपना, उम्र भर का काम है

एक हूक सी दिल में.....

एक हूक सी दिल में उठती है, एक दर्द जिगर में होता है. मैं रात को उठके रोता हूँ, जब सारा आलम सोता है.

जो अपने कत्ल से पहले जगाए कातिल....

जो अपने कत्ल से पहले जगाए कातिल को भरे जहान में ऐसा भी कोई मर्द मिले.

गमों की जीत..

गमों की जीत का सेहरा खुशी की हार पे है चढ़ा हुआ था जो दरिया वो खुद उतार पे है

हमें खबर थी कि खारों .....

हमें खबर थी कि खारों से फिर उलझना है इसी ख्याल से दामन नहीं सिए हमने

तेरी तस्वीर से कब तक....

अब इसे होने हिलाने की इजाजत दे दे मैं अकेला तेरी तस्वीर से कब तक बोलूं

लबों की प्यास.....

करीब आए तो जल जाएंगे समन्दर भी कुछ ऐसी आग हमारे लबों की प्यास में है

तुम्हारे पांव भी जख्मी हैं....

सुना है उनसे तुम्हारे पांव भी जख्मी हैं जो खार तुमने मेरी राह में बिछाए थें

वो न होतें तो जमाने में उजाला न ....

न कभी चान्द निकलता न सवेरा होता वो न होते तो जमाने में अंधेरा होता

गजल

चाशनी में ढली गुफ्तगू तो नहीं आशिकी में छुपी आरजू तो नहीं रेशमी पैरहन में चमकता हुआ आदमी जिस्म है आबरू तो नहीं चन्द सिक्कों पे बिकती रही उम्र भर कीमती भूकंप की आबरू तो नहीं बागबां से कहो बाखबर भी रहे फूल उसके हुए कू बखूबी तो नहीं उम्र भर आईना बेचता रह गया आईने से हुआ रू बतौर रू तो नहीं रक्स करने लगीं बिजलियां चर्खा पर शीश महलों की ये जुस्तजू तो नहीं

जुदाई में जिन्दगी...

कितनी सुधर गई है जुदाई में जिन्दगी हाँ वो जफा से मुझपे तो अहसान कर गया.

सन्नाटे भी आवाज दिया....

सुनने वाला ही न सुन पाए तो यह बात अलग वरना सन्नाटे भी आवाज दिया करते हैं.

सब्र न करते तो क्या करते...

नाज ये है के बड़ा सब्र मुहब्बत में किया पूछिए, सब्र न करते तो भला क्या करते! 

चन्द खुशीयों के लिए......

मैं वो इक पल हूँ जो पल भर में गुज़र जाता हूँ चन्द खुशीयों के लिए खुद को रुला देता हूँ.

भूलने वाले....

जो मुझे छोड़ गया उसको सदा देता हूँ भूलने वाले को हर लम्हा दुआ देता हूँ.

आस पास हूँ

नजर से दूर सही फिर भी आस पास हूँ मैं तेरे बदन का उतारा हुआ लिबास हूँ मैं.

जिन्दगी रह गई

एक हसरत थी दिल में, छुपी रह गई कितने अरमां लिए जिन्दगी रह गई. 

सब्र मुहब्बत में

नाज ये है कि बड़ा सब्र मुहब्बत में किया. पूछिए, सब्र न करते तो भला क्या करते ंं  . 

गरीब

गरीब हम हैं, गरीबों की भी खुशी हो जाय. नजर हुज़ूर  ! इधर भी कभी कभी हो जाय.

हालात

कल तलक होती थी नब्ज में गर्मी महसूस आज तो नब्ज ही होती नहीं अपनी महसूस.

वफ़ा

यूँ वफ़ा उठ गई जमाने से कभी जैसे किसी में थी ही नहीं.

जुदाई

याद आती है तुम्हारी, हर लम्हा आती है हर घड़ी, हर पल, हर छन आती है ये तो जुदाई है या तेरा मुझमें घुल जाना तेरे अलावा अब कुछ भी नजर नहीं आती है

deeply love

 तुम मुझमें इस कदर हो जैसे मैं कहीं भी नहीं, बस तुम ही तुम हो

तबाही

मैं अपनी तबाही की तारीख लिखूँ कैसे गैरों की भी साजिश है तेरा भी हवाला है

गजल😍😍

जो मुझे छोड़ गया उसको सदा देता हूँ भूलने वाले को हर लम्हा दुआ देता हूँ

उसका परवाना

कुछ तो आखिर देख के कूदा आग में उसका परवाना मुफ्त में अपनी जान गंडिका मुश्किल है आसान नहीं.

Only love

ऐ दिलबर तुमको भूल न पाएं, तो क्या करें यादें तुम्हारी हमको रुलाएंगे, तो क्या करें.

तुझे सोचता हूँ मैं

इस तरह पहरों तुझे सोचता रहता हूँ मैं मेरी हर साँस तेरे नाम लिखी हो जैसे

जुदाई में जिन्दगी

कितनी सुधर गई है जुदाई में जिन्दगी  हाँ वो जफा से मुझपे तो अहसान कर गए

तेरे हैं

नाराज सही माना यह हक है तुझे लेकिन हम तेरे थे तेरे हैं तेरे हैं कसम तेरे..... 

फलक पे चान्द

फलक पे चान्द उतरेगा सितारे मुस्कुराएंगे मेरी बज्मे खुशी में आप जब तशरीफ लाएंगे.

देखा तुझे तो..

देखा तुझे तो जीने का अरमान मिल गया अफसान -ए-हयात का उन्नाव मिल गया.

दर्द की आहट 😞😞

जो आपके मासूम से होन्टो पर हंसी है यह दर्द की आहट कि हकीकत में खुशी है

बर्बाद

मुझको को तो होश नहीं, तुमको खबर हो शायद लोग कहते हैं के तुम ने मुझे बर्बाद कर दिया.

हालत.....

अपनी हालत का खुद एहसास नहीं मुझको मैंने और से सुना है कि परीशां हूँ मैं

कमासिनी का हुस्न

कम्पन का हुस्न था वो, ये जवानी की बहार था यही तिल पहले भी रूख पर, मगर कातिल न था.

तेरे दीवाने की

हाल बाकी न रहा कुछ तेरे दीवाने में अब तो जंजीर ही जंजीर नजर आती है.

तेरे बेगैर 😣😣😢😭

यूँ जिन्दगी गुजार रहा हूँ तेरे बेगैर जैसे कोई गुनाह किए जा रहा हूँ मैं.

तेरे बिना😞😞😣😭

तुम नहीं पास, कोई पास नहीं अब मुझे जिन्दगी की आस नहीं.

खो गए हम

मिलते ही किसी के खो गए हम जागे जो नसीब, सो गए हम. 

अब मरना भी मुश्किल.....

वादा करके और भी आफत में डाला आपने जिन्दगी मुश्किल थी, अब मरना भी मुश्किल हो गया.

तेरे हुस्न.....

तेरे हुस्न की हर अदा इन्कलाब कोई आफताबी कोई माहताबी.

ऐ दोस्त.....

दिलों निगाह की तस्वीर बराए नाम न कर फरेब दे मगर ऐ दोस्त उसको आम न कर. 

इजहारे तमन्ना

जरूरी तो नहीं कह दूं लबों से दास्ताँ अपनी जबां एक और भी होती है इजहारे तमन्ना की.

याद आऊंगी...

कभी खामोश बैठोगे कभी कुछ गुनगुनाओ मैं उतना याद आऊंगी मुझे जितना भुलाओगे.