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Showing posts from November, 2020

मैं अगर रूठ जाऊं तो

मैं अगर रूठ जाऊं तो तुम मुझे मना लेना कुछ न करना सिर्फ गले से लगा लेना

रंग बदलते देखा नहीं जाता.

मैंने जमाने को बहुत रंग बदलते देखा है लेकिन तेरा यूँ बदलना नहीं देखा जाता... 😥

तुम पर मर जाने का....

तुम पर मर जाने का इरादा था तुम्हीं मिटा दोगे ये अंदाजा न था

कुछ तो था

कुछ तो था जो कह न पाई और फिर वो रुत न कभी आई..... 

समझ नहीं आता मुहब्बत क्या है..

जिसकी जिल्लत में भी इज्जत है सजा में भी मजा. कुछ समझ में नहीं आता के मुहब्बत क्या है.... 

मुहब्बत की गर्मी🔥

मुहब्बत की गर्मी भी क्या चीज है तबीयत मेरी क्या से क्या हो गई

मुफ्त कब आजाद करती है....

मुफ्त कब आजाद करती है गिरफ्तारी मुझे जी ही लेके छोड़ेगी आखिर ये बीमारी मुझे.

आबादी भी देखी है....

आबादी भी देखी है, वीराने भी देखे हैं जो उजड़े और फिर न बसे, दिल की बस्ती है.

समेटे बैठा रहा चूर चूर ...

समेटे बैठा रहा चूर चूर  हस्ती को  जमीं हिली भी तो खुद को नहीं बिखरने दिया