चान्दनी के मौसम में

चान्दनी के मौसम में
जिन्दगी के रास्ते में
प्यार के दरख्तों के
दिल फरेब से साए
रींगते नजर आए
कशमकश के आलम में
खुद बखुद झुकीं पलकें
सारे बन गए जंजीर
धडकने पुकार उठी
जिस्म का अधुरापन
मौत की अलामत है

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