ये तुम हो......
ये तुम्हारे गेसूऐं हैं या रात के गहरे सायें हैं.....
ये तुम्हारी काजल है या आसमान में छाएं बादल हैं.....
ये तुमने बिंदी लगाई है या चान्द उतर आया है......
ये तुम्हारे लब हैं या मचलते जाम हैं....
ये तुम्हारी आंखें हैं या सागर है.....
ये तुम्हारे रुखसार हैं या जन्नत....
ये तुम्हारी अदा है या खन्जर ......
बता भी दो की हम कहाँ जाएं......
बता भी दो की हम बर्बाद हो जाएं.....
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