जिंदगी एक आजमाइश है

जिंदगी तू तो आजमाइश है
तुझसे अपनी भी एक ख्वाहिश है

बुझा रहें हैं चराग़ उल्फत के
ये सब अहले वतन की साजिश है

घर में खुशियाँ जो रक्स करती हैं
मेरे परवर की सब नवाजिश है

और रुसवा न अब करें मुझको
आपसे इतनी सी गुजारिश है


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