मन्ज़िल जरूर मिलेगी
माजी के आईने में
जब भी
झांक कर देखा मैंने
तो हर तरफ
तुम्हारा प्यार ही नजर आया
और इक हौसला
आगे बढने का
जो तुमने मुझे दिया था
जिसके सहारे मैं
हर मुश्किल राह से
हंसकर गुजर जाती हूँ
क्योंकि तुम्हारा प्यार
आज भी
गिरने से पहले ही मुझे
थाम लेता है
और मैं
नए हौसले के साथ
आगे बढ़ जाती हूँ
यह सोचकर कि
मन्ज़िल जरूर मिलेगी
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