तेरा याद आना
आज भी सब्जी जल जाती है मेरी
तुझे याद कर के
आज भी उल्टे अखबार पढती हूँ
तुझे याद कर के
आज भी देर तक गलीया़ं निहारती हूँ
तुझे याद कर के
आज भी दुप्पटा भींग जाता है मेरा
तुझे याद कर के
आज मुसकुरा लेतीं हूँ
तुझे याद कर के
आज भी घंटो बैठी रहती, तेरी यादों के सहारे
तुझे याद कर के
आज भी रातों में नींद उडी रहती है
तुझे कर याद के
आज भी तुझे ही लिखती रहती हूँ
तुझे याद कर के
आज भी चांद देखती रहती हूँ
तुझे याद कर के
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